क्यों मय को बदनाम करते हो,
ये वो शय है जिसे पीकर लोग सच बोला करते हैं ।वर्ना झुठों के इस भिडमे,
जरा बताओ सच बोलने की जुरअत किसमें है ।लोग झुठ पे झुठ बोल जाया करते हैं,
गीता और कोरआन हाथों मे थामकर ।मयख़ानों मे वो सच दम तोड देती है,
जो सच बोला गया था हाथों मे जाम थामकर ।कोई देख ना ले छुपकर की थी मयकशी उसने,
मौका लगा लोगोंने सरेआम कर दिया ।क़दम क्या लडखडाया मयकश का,
सुनहरा मौका जानकर सबने उसे बदनाम कर दिया ।
याे खबर पढेर तपाईलाई कस्ताे महसुस भयाे?
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