हल्दिबारी न्यूज डेक्स- चन्द्रगढी,झापा/दोलखा जिला के उत्तरी सीमा और चीन के नाका जोडने बाले राजमार्ग १२ किलोमिटर निर्माण शुभारंभ होने जा रहा है । लामाबगर से नौ किलोमिटर दूरी पर रहा लप्ची तक हि सुरुङमार्ग निर्माण होगी । सञ्चार सूचना तथा प्रविधिमन्त्री पार्वत गुरुङ ने इस के लिए इसी वर्ष में ठेक्का लगाने का बताया है। सडक विभाग ने उत्तर-दक्षिण कोरिडोर अन्तर्गत दोलखा के लामाबागर से निर्माण होने बाले सुरुङमार्ग के डिजाइन तयार किया गया है।
सुरुङमार्ग निर्माण करने के लिए बहुवर्षीय ठेक्का अंतर्गत अर्थ मन्त्रालय साथ बजेट के सहमति भी मांग कि गई है । विभाग के गुणस्तर, अनुसन्धान तथा विकास केन्द्र का निर्देशक विजय जैसी के अनुसार इस तरह सडक यातायात संचालन होने से चीन के संग जोडने बाले कम दूरी के मार्ग निर्माण होगी। जैसी के अनुसार आगामी दिन में नाका खुलाने के योजनानुसार चीन के संग जोडने बाले कम दूरी में रहा वो नाका खुलाने के लिए सक्रिय है।
दोलखा से भारत और चीन के साथ जोडने बाले वो हि उत्तम नाका होने का सूचना तथा सञ्चारमन्त्री गुरुङ ने कहा है । अपर तामाकोशी के मुख्य उदगम स्थल से शुरु होने बाले उक्त मार्ग निर्माण के लिए चीन से आयात होने बाले सामान ढुवानी करने और दोलखा मे उत्पादित तरकारी तथा अन्य बाली के निकासी करने में सहज होने का स्थानीयवासी ने बताया। उक्त मार्ग निर्माण करने के लिए अपर तामाकोशी जलविद्युत् आयोजना के हेडवक्र्स उपर के भाग में करीब एक किलोमिटर सुरुङ निर्माण करना आवश्यक है। उक्त सुरुङ के साथ बांकी नौ किमी सडक निर्माण होने के बाद ही चीन के साथ नाका जोडा जाएगा। उक्त मार्ग का चीन और भारत के साथ जोडने बाला नेपाल के हि कम दूरी के सडक के रुप में रहा मन्त्री गुरुङ ने कहा हैं।
चीन के तिब्बत से भारत के भित्तामोठ महोत्तरी तक के वो सडक अधिकत्तम कम दूरी के होने के कारण दोनों देश के सामान आयात – निर्यात समेत में सहज होगा । भारत के सिमाना से लामाबगर तक ब्लाकटप सडक निर्माण इस के पहले सम्पन्न होने के कारण लामाबगर से लप्ची और चीन के नाका तक अब सडक जोड़ने का काम बाँकी रहा स्थानीयवासी ने बताया है ।
लप्ची से तिब्बत के फलाक तक के १२ किमी सडक निर्माण के बाद चीन के सिमाना तक गाडी में सहज रुप से पहूचा जाएगा । इस के आगे ही सडक डिभिजन कार्यालय दोलखा ने ठेक्का लगाकर तीन किमी ट्र्याक खुला कर दिया गया है । राजमार्ग निर्माण के बाद भित्तामोठ से फलाक तक मोटर मे पहुंचने मे सहज होगी । इससे भारत और चीन के संग जोडने बाले उत्तर-दक्षिण राजमार्ग तैयार होगी ।
जैसी के अनुसार इस वर्ष तीन सुरुङमार्ग के अध्ययन शुभारंभ हो रहा है। उक्त राजमार्ग काठमाडौँ-निजगढ द्रुतमार्ग अन्तर्गत है। अन्य १७ सुरुङमार्ग अध्ययन कार्य सम्पन्न अवस्था मे पहुचने का बताया गया है।
सुरुङमार्ग निर्माण मे खर्च अधिक लगने के कारण दूरी के हिसाब से कम होने से सङ्घीय सरकार ने इस प्रकार के सडक निर्माण कम समय और आर्थिक भार कम करने से देश विकास में सहयोग पहुचने का स्थानीयवासी ने कहा है।-देवेन्द्र किशोर ढुंगाना